Movie/Album: बात एक रात की (1962)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मो.रफ़ी
अकेला हूँ मैं, इस दुनियाँ में
कोई साथी है, तो मेरा साया
अकेला हूँ मैं...
न तो परवाना, और ना दीवाना, मैं किसी महफ़िल का
सुनी सुनी राहें, थामती हैं बाहें, ग़म किसे मंज़िल का
मैं तो हूँ राही दिल का
साथी है...
जैसे कभी प्यारे, झील के किनारे, हंस अकेला निकले
वैसे ही देखो जी, ये मनमौजी, मौजों के सीने पे चले
चाँद सितारों के तले
साथी है...
1962
,
A
,
Baat Ek Raat Ki
,
Majrooh Sultanpuri
,
Md.Rafi
,
S.D.Burman
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मो.रफ़ी
अकेला हूँ मैं, इस दुनियाँ में
कोई साथी है, तो मेरा साया
अकेला हूँ मैं...
न तो परवाना, और ना दीवाना, मैं किसी महफ़िल का
सुनी सुनी राहें, थामती हैं बाहें, ग़म किसे मंज़िल का
मैं तो हूँ राही दिल का
साथी है...
जैसे कभी प्यारे, झील के किनारे, हंस अकेला निकले
वैसे ही देखो जी, ये मनमौजी, मौजों के सीने पे चले
चाँद सितारों के तले
साथी है...
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