Movie/Album: पेइंग गेस्ट (1957)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार
माना जनाब ने पुकारा नहीं
क्या मेरा साथ भी गंवारा नहीं
मुफ़्त में बनके, चल दिये तनके,
वल्ला जवाब तुम्हारा नहीं
माना जनाब ने...
यारों का चलन है गुलामी
देतें हैं हसीनों को सलामी
गुस्सा ना कीजिये, जाने भी दीजिये
बन्दगी तो बन्दगी तो लीजिये साहब
माना जनाब ने...
टूटा फूटा दिल ये हमारा
जैसा भी है अब है तुम्हारा
इधर देखिये, नज़र फेरिये
दिल्लगी ना दिल्लगी ना कीजिये साहब
माना जनाब ने...
माशा अल्ला कहना तो माना
बन गया बिगड़ा ज़माना
तुमको हँसा दिया, प्यार सिखा दिया
शुक्रिया तो शुक्रिया तो कीजिये साहब
माना जनाब ने...
1957
,
Kishore Kumar
,
M
,
Majrooh Sultanpuri
,
Paying Guest
,
S.D.Burman
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार
माना जनाब ने पुकारा नहीं
क्या मेरा साथ भी गंवारा नहीं
मुफ़्त में बनके, चल दिये तनके,
वल्ला जवाब तुम्हारा नहीं
माना जनाब ने...
यारों का चलन है गुलामी
देतें हैं हसीनों को सलामी
गुस्सा ना कीजिये, जाने भी दीजिये
बन्दगी तो बन्दगी तो लीजिये साहब
माना जनाब ने...
टूटा फूटा दिल ये हमारा
जैसा भी है अब है तुम्हारा
इधर देखिये, नज़र फेरिये
दिल्लगी ना दिल्लगी ना कीजिये साहब
माना जनाब ने...
माशा अल्ला कहना तो माना
बन गया बिगड़ा ज़माना
तुमको हँसा दिया, प्यार सिखा दिया
शुक्रिया तो शुक्रिया तो कीजिये साहब
माना जनाब ने...
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