Movie/Album: दोस्ती (1964)
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मो.रफ़ी
जाने वालों ज़रा, मुड़ के देखो मुझे
एक इन्सान हूँ, मैं तुम्हारी तरह
जिसने सबको रचा, अपने ही रूप से
उसकी पहचान हूँ, मैं तुम्हारी तरह
जाने वालों ज़रा...
इस अनोखे जगत की मैं तक़दीर हूँ
मैं विधाता के हाथों की तसवीर हूँ
इस जहां के लिये, धरती माँ के लिये
शिव का वरदान हूँ, मैं तुम्हारी तरह
जाने वालों ज़रा...
मन के अंदर छिपाए मिलन की लगन
अपने सूरज से हूँ एक बिछड़ी किरन
फिर रहा हूँ भटकता, मैं यहाँ से वहाँ
और परेशान हूँ, मैं तुम्हारी तरह
जाने वालों ज़रा...
मेरे पास आओ, छोड़ो ये सारा भरम
जो मेरा दुख वही है तुम्हारा भी ग़म
देखता हूँ तुम्हें, जानता हूँ तुम्हें
लाख अन्जान हूँ, मैं तुम्हारी तरह
जाने वालों ज़रा...
1964
,
Dosti
,
J
,
Lakshmikant Pyarelal
,
Majrooh Sultanpuri
,
Md.Rafi
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मो.रफ़ी
जाने वालों ज़रा, मुड़ के देखो मुझे
एक इन्सान हूँ, मैं तुम्हारी तरह
जिसने सबको रचा, अपने ही रूप से
उसकी पहचान हूँ, मैं तुम्हारी तरह
जाने वालों ज़रा...
इस अनोखे जगत की मैं तक़दीर हूँ
मैं विधाता के हाथों की तसवीर हूँ
इस जहां के लिये, धरती माँ के लिये
शिव का वरदान हूँ, मैं तुम्हारी तरह
जाने वालों ज़रा...
मन के अंदर छिपाए मिलन की लगन
अपने सूरज से हूँ एक बिछड़ी किरन
फिर रहा हूँ भटकता, मैं यहाँ से वहाँ
और परेशान हूँ, मैं तुम्हारी तरह
जाने वालों ज़रा...
मेरे पास आओ, छोड़ो ये सारा भरम
जो मेरा दुख वही है तुम्हारा भी ग़म
देखता हूँ तुम्हें, जानता हूँ तुम्हें
लाख अन्जान हूँ, मैं तुम्हारी तरह
जाने वालों ज़रा...
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