Movie/Album: अमर (1954)
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: मो.रफ़ी
इन्साफ का मंदिर है ये भगवान का घर है
कहना है जो कह दे तुझे किस बात का डर है
है खोट तेरे मन मे जो भगवान से है दूर
है पाँव तेरे फिर भी तू आने से है मजबूर
हिम्मत है तो आजा, ये भलाई की डगर है
इन्साफ का मंदिर है...
दुःख दे के जो दुखिया से ना इन्साफ करेगा
भगवान भी उसको ना कभी माफ़ करेगा
ये सोच ले हर बात की दाता को खबर है
हिम्मत है तो आजा, ये भलाई की डगर है
इन्साफ का मंदिर है...
है पास तेरे जिसकी अमानत उसे दे दे
निर्धन भी है इंसान, मोहब्बत उसे दे दे
जिस दर पे सभी एक हैं बन्दे, ये वो दर है
इन्साफ का मंदिर है...
मायूस ना हो हार के तक़दीर की बाज़ी
प्यारा है वो गम जिसमें हो भगवान भी राज़ी
दुःख दर्द मिले जिसमें, वही प्यार अमर है
ये सोच ले हर बात की दाता को खबर है
इन्साफ का मंदिर है...
1954
,
Amar
,
I
,
Md.Rafi
,
Naushad
,
Naushad Ali
,
Shakeel Badayuni
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: मो.रफ़ी
इन्साफ का मंदिर है ये भगवान का घर है
कहना है जो कह दे तुझे किस बात का डर है
है खोट तेरे मन मे जो भगवान से है दूर
है पाँव तेरे फिर भी तू आने से है मजबूर
हिम्मत है तो आजा, ये भलाई की डगर है
इन्साफ का मंदिर है...
दुःख दे के जो दुखिया से ना इन्साफ करेगा
भगवान भी उसको ना कभी माफ़ करेगा
ये सोच ले हर बात की दाता को खबर है
हिम्मत है तो आजा, ये भलाई की डगर है
इन्साफ का मंदिर है...
है पास तेरे जिसकी अमानत उसे दे दे
निर्धन भी है इंसान, मोहब्बत उसे दे दे
जिस दर पे सभी एक हैं बन्दे, ये वो दर है
इन्साफ का मंदिर है...
मायूस ना हो हार के तक़दीर की बाज़ी
प्यारा है वो गम जिसमें हो भगवान भी राज़ी
दुःख दर्द मिले जिसमें, वही प्यार अमर है
ये सोच ले हर बात की दाता को खबर है
इन्साफ का मंदिर है...
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