Movie/Album: अमर अकबर ऐंथनी (1977)
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: लता मंगेशकर, मो.रफ़ी, मुकेश, किशोर कुमार
देख के तुमको दिल डोला है
God Promise हम सच बोला है
ओ हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें
बोलो तो जिएँ बोलो तो मर जाएँ
हमको तुमसे हो गया है प्यार...
कभी बोलूँ मैं कभी बोले तू I Love You (Love You)
मैंने तुमपे, तुमने मुझपे, कर दिया जादू I Love You (Love You)
अब तक छुपाए रखा
शोला दबाए रखा
राज़ ये हमने अब खोला है
God Promise...
हमको तुमसे हो गया है प्यार...
तेरे संग जीवन की डोर बँधी है
चुप चुप संग डोलूं, कैसे मैं ये बोलूं
मैं सपनों का सागर, तू प्रेम नदी है
अब तक छुपाए...
शोला दबाये...
चाँद-चकोरी ज्यूँ दुनिया में
राम क़सम तू रहे जिया में
हमको तुमसे हो गया है प्यार...
दिल में दिलबर तू रहता है
ख़ुदा ग़वाह हम सच कहता है
हमको तुमसे हो गया है प्यार...
एक तो अकबर का कलाम
उसमें शामिल तेरा नाम
दो लफ़्ज़ों में करता हूँ
मुख़्तसर किस्सा तमाम
मैं शायर हूँ, मेरा है वास्ता हसीनों से
तेरी फ़ुर्क़त में सोया नहीं महीनों से
नहीं करते ये बातें परदानशीनों से
सर-ए-बाज़ार छोड़ो छेड़ महज़बीनों से
अब तक छुपाए...
शोला दबाये...
हुस्न हमेशा रूठा रहता है
ख़ुदा ग़वाह हम सच कहता है
हमको तुमसे हो गया है प्यार...
1977
,
Amar Akbar Anthony
,
Anand Bakshi
,
H
,
Kishore Kumar
,
Lakshmikant Pyarelal
,
Lata Mangeshkar
,
Md.Rafi
,
Mukesh
,
Romantic Songs
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: लता मंगेशकर, मो.रफ़ी, मुकेश, किशोर कुमार
देख के तुमको दिल डोला है
God Promise हम सच बोला है
ओ हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें
बोलो तो जिएँ बोलो तो मर जाएँ
हमको तुमसे हो गया है प्यार...
कभी बोलूँ मैं कभी बोले तू I Love You (Love You)
मैंने तुमपे, तुमने मुझपे, कर दिया जादू I Love You (Love You)
अब तक छुपाए रखा
शोला दबाए रखा
राज़ ये हमने अब खोला है
God Promise...
हमको तुमसे हो गया है प्यार...
तेरे संग जीवन की डोर बँधी है
चुप चुप संग डोलूं, कैसे मैं ये बोलूं
मैं सपनों का सागर, तू प्रेम नदी है
अब तक छुपाए...
शोला दबाये...
चाँद-चकोरी ज्यूँ दुनिया में
राम क़सम तू रहे जिया में
हमको तुमसे हो गया है प्यार...
दिल में दिलबर तू रहता है
ख़ुदा ग़वाह हम सच कहता है
हमको तुमसे हो गया है प्यार...
एक तो अकबर का कलाम
उसमें शामिल तेरा नाम
दो लफ़्ज़ों में करता हूँ
मुख़्तसर किस्सा तमाम
मैं शायर हूँ, मेरा है वास्ता हसीनों से
तेरी फ़ुर्क़त में सोया नहीं महीनों से
नहीं करते ये बातें परदानशीनों से
सर-ए-बाज़ार छोड़ो छेड़ महज़बीनों से
अब तक छुपाए...
शोला दबाये...
हुस्न हमेशा रूठा रहता है
ख़ुदा ग़वाह हम सच कहता है
हमको तुमसे हो गया है प्यार...
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