Movie/Album: इंग्लिश विन्ग्लिश (2012)
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: स्वानंद किरकिरे
Performed By: अमित त्रिवेदी, शिल्प राव
गुस्ताख दिल, दिल में मुश्किल, मुश्किल में दिल
गुस्ताख दिल, थोड़ा संगदिल, थोड़ा बुजदिल
दर्द के दर पे, ठहरा है क्यूँ
सज़ा-सज़ा ये खुद को क्यूँ देता नहीं
हँसने की धुन में, रोता है क्यूँ
सही क्या, गलत क्या, ये कुछ भी समझता नहीं
गुस्ताख दिल...
है बर्फ सी सांसों में, आँखों में धुआं-धुआं
ये हर पल क्यूँ, खेले है, ग़म का, ख़ुशी का, जुआ-जुआ
ये उम्मीदों भरा, ये खुद से ही डरा
सुलझे धागों में, उलझा है क्यूँ
सलाहें-सलाहें ये खुद की भी सुनता नहीं
गुस्ताख दिल...
क्यूँ बातों ही बातों में फिसलती है, ज़ुबां-ज़ुबां
किसी शय ना, ठहरती है, बहकती है, निगाह निगाह
ये कैसे कब हुआ, ये कह दूँ क्यूँ हुआ
गिरता नहीं तो, संभालता है क्यूँ
झुकाए-झुकाए ये मगरूर झुकता नहीं
गुस्ताख दिल...
2012
,
Amit Trivedi
,
English Vinglish
,
G
,
Shilpa Rao
,
Swanand Kirkire
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: स्वानंद किरकिरे
Performed By: अमित त्रिवेदी, शिल्प राव
गुस्ताख दिल, दिल में मुश्किल, मुश्किल में दिल
गुस्ताख दिल, थोड़ा संगदिल, थोड़ा बुजदिल
दर्द के दर पे, ठहरा है क्यूँ
सज़ा-सज़ा ये खुद को क्यूँ देता नहीं
हँसने की धुन में, रोता है क्यूँ
सही क्या, गलत क्या, ये कुछ भी समझता नहीं
गुस्ताख दिल...
है बर्फ सी सांसों में, आँखों में धुआं-धुआं
ये हर पल क्यूँ, खेले है, ग़म का, ख़ुशी का, जुआ-जुआ
ये उम्मीदों भरा, ये खुद से ही डरा
सुलझे धागों में, उलझा है क्यूँ
सलाहें-सलाहें ये खुद की भी सुनता नहीं
गुस्ताख दिल...
क्यूँ बातों ही बातों में फिसलती है, ज़ुबां-ज़ुबां
किसी शय ना, ठहरती है, बहकती है, निगाह निगाह
ये कैसे कब हुआ, ये कह दूँ क्यूँ हुआ
गिरता नहीं तो, संभालता है क्यूँ
झुकाए-झुकाए ये मगरूर झुकता नहीं
गुस्ताख दिल...
No comments:
Post a Comment